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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2018 भाषण हाइलाइट्स

भारत की स्वतंत्रता की 72 वीं वर्षगांठ पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले में राष्ट्र को संबोधित किया, यहां नरेंद्र मोदी भाषण के कुछ प्रमुख मुख्य आकर्षण हैं:

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक अंतरिक्ष के लिए एक मानव मिशन की घोषणा की है और पीएम जन आर्य्य अभियान का शुभारंभ किया है जो आयुषमान भारत स्वास्थ्य सेवा योजना के साथ समानांतर होगा। बलात्कार की घटनाओं का खंडन करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि बलात्कारियों को दिए गए मौत की सजा के समाचार बर्बर विचारों से रोक देंगे। उन्होंने संसद में ट्रिपल तालाक बिल को “रोक” देने के विपक्षी दल पर भी हमला किया, लेकिन कहा कि वह “मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखेंगे”। जम्मू-कश्मीर पर मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शांति के लिए ‘इंसानियत, जमुरीयत और कश्मीरीयत’ के मार्ग का पालन करना जारी रखेगी। भारत के 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने चार साल के रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए मोदी कहते हैं कि भारत ‘सोते हाथी’ होता था, लेकिन अब चलना और दौड़ना शुरू कर दिया है। प्रधान मंत्री ने ‘सामाजिक न्याय’ भी लगाया है और पिछड़ा वर्गों को “संवैधानिक सुरक्षा” पर प्रकाश डाला है। स्वतंत्रता दिवस का पता प्रधान मंत्री के वर्तमान कार्यकाल में आखिरी है और नीति के अनुसार राजनीति पर उतना ही ध्यान केंद्रित करता है।

 

बेटियों ने सात समंदर पार किया
आजादी का यह पर्व हम तब मना रहे हैं जब हमारी बेटियां, उतराखंड, हिमाचल, मणिपुर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की बेटियों ने सात समंदर पार किया और सातों समंदर को तिरंगे रंग से रंगकर लौट आईं। एवरेस्ट विजयी तो बहुत हुए। हमारे अनेक वीरों और बेटियों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। आजादी के इस पर्व पर याद करूंगा कि आदिवासी इलाकों के हमारे बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इसकी शान और बढ़ा दी है।

संसद सत्र में सामाजिक न्याय के लिए काम
अभी-अभी लोकसभा और राज्यसभा के सत्र पूरे हुए हैं। यह सत्र बहुत अच्छे ढंग से चला और संसद का यह सत्र पूरी तरह सामाजिक न्याय को समर्पित था। सोशित, वंचितों और महिलाओं की हकों की रक्षा के लिए संवेदनशीलता के साथ समाजिक न्याय को मजबूत किया। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ों-अति पिछड़ों के हकों की रक्षा का प्रयास किया।

सकारात्मक माहौल
हमारे देश में उन खबरों ने देश में एक चेतना लाई है कि भारत विश्व की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। ऐसे सकारात्मक माहौल में हम आजादी का पर्व मना रहे हैं। देश को आजादी दिलाने के लिए बापू के नेतृत्व में लाखों लोगों ने जवानी जेलों में गुजार दी। बहुत से लोगों ने आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया। मैं उन वीरों को सलाम करता हूं। इस तिरंगे की आन-बान-शान के लिए सैनिक दिन रात देश की सेवा में लगे रहते हैं। मैं अर्धसैनिक बलों और पुलिसबल को लाल किले की प्राचीर से शत-शत नमन करता हूं।

इन दिनों देश के कोने-कोने से अच्छी बर्षा के साथ बाढ़ की खबरें आ रही हैं। अतिवर्षा की वजह से जिन्हें मुसीबतें झेलनी पड़ीं उनके लिए देश खड़ा है। जिन्होंने अपनों को खोया है उनके दुख में मैं सहभागी हूं।

अगले साल जलियावाला बाग की घटना को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। मैं उन सभी वीरों को नमन करता हूं।

संविधान में सभी के लिए समान अवसर
ये आजादी ऐसे ही नहीं मिली है। पूज्य बापू के नेतृत्व में नौजवानों, सत्याग्रहियों ने जवानी जेलों में काटकर हमें आजादी दिलाई। उन्होंने कुछ सपने भी संजोए थे। आजादी से पहले तमिलनाडु के कवि सुब्रमण्यन भारती ने कहा था ‘भारत दुनिया को सभी बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।’ इन महापुरुषों के सपनों को पूरा करने के लिए आजादी के बाद बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में समावेशी संविधान बनाया। इसमें समाज के हर तबके को समान रूप से अवसर दिया गया है।

दुनिया में भारत की धमक हो
हमारा संविधान कहता है कि गरीबों को न्याय मिले। जन-जन को आगे बढ़ने का मौका मिले। निम्न मध्य वर्ग, मध्य वर्ग को और उच्च वर्ग को आगे बढ़ने का मौका मिले। हमारे बुजुर्ग हमारे दिव्यांग, महिलाएं, दलित, पिछड़े, सोशित, आदिवासी को आगे बढ़ने का मौका मिले। हम चाहते हैं कि दुनिया में भारत साख और धमक हो।

मैंने पहले भी टीम इंडिया का सपना आपके सामने रखा है। जब जन-जन देश को आगे बढ़ाने के लिए जुड़ते हैं, सवा सौ करोड़ सपने, संकल्प और पुरुसार्थ सही दिशा में बढ़ते हैं तो क्या नहीं हो सकता। मैं नम्रता के साथ कहना चाहूंगा कि 2014 में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने सिर्फ सरकार नहीं बनाई, देश बनाने के लिए जुटे भी हैं और जुटे रहेंगे। यह हमारे देश की ताकत है।

आज श्री अरबिंदो का जन्मदिन भी है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्र और मातृभूमि क्या है। यह कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है। ना ही यह सिर्फ संबोधन है। ना ही यह कोई कोरी कल्पना है। राष्ट्र एक विशाल शक्ति है। जो असंख्य छोटी-छोटी इकाइयों को संगठित ऊर्जा का मूर्त रूप देती है। श्री अरबिंद की यह कल्पना ही आज देश को आगे ले जाने में हर नागरिक को जोड़ रही है।

2013 से तुलना
हम आगे जा रहे हैं यह तब तक पता नहीं चलता है, जब तक हम यह ना देखें कि कहां से चले थे। 2013 की रफ्तार को यदि हम आधार मान लें तो पिछले चार साल साल में हुए काम का लेखा-जोखा लें तो आपको अचरज होगा। शौचालय को ही लें। 2013 में जो रफ्तार थी उससे 100 फीसदी शौचलय निर्माण दशकों लग जाते। बिजली पहुंचाने में उस गति से 1-2 दशक और लगते। एलपीजी गैस कनेक्शन 2013 की रफ्तार से देते तो काम को पूरा करने में 100 साल भी ज्यादा लगता। यदि हम 2013 की रफ्तार से ऑपटिकल फाइबर बिछाते तो गांवों में पहुंचाने में पीढ़ियां लग जातीं।

बदल रहा है देश
देश की अपेक्षाएं और आवश्यकताएं बहुंत हैं। उन्हें पूरा करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और समाज को साथ काम करना है। आज देश में बदलाव आया है। देश वही है, धरती वही है। हवा, आसमान वही हैं। अधिकारी वही हैं, फाइलें वहीं हैं, लेकिन 4 साल में देश बदलाव महसूस कर रहा है। देश में नई चेतना नई ऊंर्जा है। आज देश दोगुने रफ्तार से हाइवे बना रहा है चार गुना नए मकान बना रहा है। देश रेकॉर्ड अन्न के साथ रेकॉर्ड मोबाइल बना रहा है। रेकॉर्ड ट्रैक्टर की बिक्री हो रही है तो आजादी के बाद सर्वाधिक हवाई जहाज खरीदारी हो रही है। देश में नए आईआईटी, नए आईआईएम, नए एम्स बना रहा है। टायर-2 टायर थ्री सिटी में स्टार्टअप्स की बाढ़ है। सरकार एक तरफ डिजिटल इंडिया के लिए काम हो रहा है तो उतने ही लगाव के साथ दिव्यांगों के लिए काम कर रहा है। हमारा किसान वैज्ञानिक ढंग से खेती कर रहा है तो पुरानी बंद पड़ी सिंचाई योजनाओं को शुरू किया जा रहा है।

सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र

हमारी सेना कहीं भी प्राकृतिक आपदा होने पर पहुंच जाती है। मुसीबत में घिरे लोगों को बाहर निकालती है। लेकिन वहीं सेना जब संकल्प लेकर निकलती है तो सर्जिकल स्ट्राइक से दुश्मन के दांत खट्टे करके लौटती है। देश नई उमंग से आगे बढ़ रहा है।

लक्ष्य बड़े हों

गुजरात में एक कहावत है- निशान चूक माफ लेकिन नहीं माफ नीचा निशान, लक्ष्य बड़े होने चाहिए। उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है जवाब देना पड़ता है। लेकिन यदि लक्षय बड़े नहीं होंगे तो फैसले भी नहीं होते।

बड़े फैसले लिए साहस की जरूरत

किसान संगठन एमएसपी वृद्धि की मांग कर रहे थे। सालों से डेढ़ गुना एमएसपी की बात हो रही थी, लेकिन हमने हिम्मत के साथ फैसला लिया। जीएसटी पर कौन सहमत नहीं था। सबस चाहते थे, लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी। आज हमारे व्यापारियों के सहयोग से देश ने जीएसटी लागू कर दिया है। व्यापारियों को जीएसटी के साथ शुरू में कठिनाई आईं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे गले से लगाया। बैंकिंग सेक्टर को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए इन्सॉलवेंसी और बैंकरप्सी कानून को लाने से किसने रोका था। बेनामी संपत्ति के खिलाफ कानून क्यों नहीं बन पाया था। सैनिक वन रैंक-वन पेंशन की मांग कर रहे थे। हमने इसे पूरा किया। हम कड़े फैसले लेने का साहस रखते हैं, क्योंकि हम देशहित में काम करते हैं दलहित में नहीं।

दुनिया का बदला नजरिया
आज पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है। हमारी छोटी-छोटी बातों को भी पूरी दुनिया गौर से देख रही हैं। 2014 से पहले दुनिया की ओर से कहा जा रहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था में जोखिम है, लेकिन अब वही लोग कह रहे हैं कि सुधारों से बदलाव आ रहा है। दुनिया तब रेड टेप की बात कहती थी औज रेड कार्पेट की बात हो रही है। भारत के लिए पॉलिसी पैरालिसिस की बात कही जाती थी। वो भी एक वक्त था जब भारत को फ्रेगाइल-5 में गिना जाता था और आज दुनिया कह रही है भारत मल्टी ट्रिल्यन डॉलर निवेश का गंतव्य बन गया है। दुनिया कभी बिजली जाने और बॉटलनेक की बात करते थे और आज दुनिया कह रही है कि सोया हुआ हाथी अब दौड़ने लगा है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसिया कह रही हैं कि आने वाले तीन दशक तक भारत दुनिया को गति देने वाला है। ऐसा विश्वास आज भारत के लिए पैदा हुआ है।

भारतीय पासपोर्ट की ताकत बढ़ी
आज भारत की बात को दुनिया में सुना जा रहा है। दुनिया के मंचों पर हमने अपनी आवाज को बुलंद की है। आज हमें अनगिनत संस्थाओं में स्थान मिला है। आज भारत ग्लोबल वार्मिंग की बात करने वालों के लिए उम्मीद बना है। आज कोई भी भारतीय जब कहीं कदम रखता है तो स्वागत होता है। भारतीय पासपोर्ट की ताकत बढ़ गई है। विश्व में यदि कहीं भी हिंदुस्तानी संकट में है तो उसे विश्वास है कि देश हमारे साथ खड़ा है।

नॉर्थ ईस्ट से आ रहीं अच्छी खबरें
भारत में जब नॉर्थ ईस्ट की खबरें आती थीं तो लगता था कि ऐसी खबरें ना आएं तो अच्छा। लेकिन आज नॉर्थ ईस्ट से अच्छी खबरें आ रही हैं। खिलाड़ी मेडल जीत रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट के दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचने और इंटरनेट पहुंचने की खबरें आ रही हैं। आज नॉर्थ ईस्ट के नौजवान बीपीओ खोल रहे हैं। हर्बल खेती का केंद्र बन गया है।

हमारे देश के युवाओं ने आज प्रगति के सारे मापदंडों को बदल दिया है। नौजवानों ने नेचर ऑफ जॉब को बदल दिया है। नए क्षेत्रों से देश को ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। 13 करोड़ मुद्रा लोन दिया गया है। इनमें 4 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार लोन लेकर स्वरोजगार शुरू किया है। आज हिंदुस्तान के गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर युवा चला रहे हैं।

2022 तक अंतरिक्ष में मानव यान
रेलवे, रोड, हाइवे के मामले में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने हमारे देश का नाम रोशन किया है। 100 से ज्यादा सेटेलाइट एक साथ आसमान में भेजकर दुनिया को चकित कर दिया। पहले ही प्रयास में मंगलयान की सफलता, हमारे वैज्ञानिकों की शक्ति दिखाता है। हम जल्द ही नाविक सेटेलाइट लॉन्च करने जा रहे हैं। इससे मछुआरों और आम नागरिकों को दिशा दर्शन में मदद मिलेगी। आज लाल किले की प्राचीर से मैं एक खुशखबरी देना चाहता हूं। हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है। लेकिन हमने सपना देखा है, हमारे वैज्ञानिकों ने सपना देखा है। हमारे देश ने संकल्प लिया है कि 2022 या उससे पहले मां भारत का कोई संतान ‘बेटा हो या बेटी’ अंतरिक्ष में जाएंगे। हाथ में तिरंगा झंडा लेकर जाएंगे। आजादी के 75 साल से पहले इसे पूरा करना है। अब हम मानव सहित गगनयान लेकर चलेंगे। और यह गगनयान अंतरिक्ष में जाएगा तब हम मानवयान अंतरिक्ष में ले जाने वाले विश्व के चौथे देश बन जाएंगे।

खेती की आधुनिकता पर ध्यान
मैं देश कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों को बहुत बधाई देता हूं। हमारे किसानों को भी वैश्विक चुनौतियों की सामना करना पड़ता है। आज हमारा पूरा ध्यान कृषि क्षेत्र में आधुनिकता लाने पर है। हम किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं। बहुत से लोगों को इस पर आशंका होती है। हम मक्खन पर लकीर नहीं पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं। हम बीज से लेकर बाजार तक आधुनिकीकरण करना चाहते हैं। कई फसलों का रेकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। आज हमारा देश मछली उत्पादन में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है। आज शहद का निर्यात दोगुना हो चुका है। इथेनॉल का उत्पादन तीनगुना हो गया है। हम गांव के संसाधन और सामर्थ्य को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।

खादी का नाम पूज्य बापू के साथ जुड़ा है। खादी की बिक्री पहले से डबल हो गई है। सोलर फार्मिंग की ओर भी हमारा किसान ध्यान देने लगा है। हैंडलूम का रोजगार भी बढ़ा है। मानव की गरिमा सर्वोच्च है। हमें उन योजनाओं को लेकर आगे बढ़ना चाहिए ताकि लोग सम्मान के साथ आगे बढ़ें।

उज्जवला योजना के तहत हमने घर-घर रसोई गैस पहुंचा रहे हैं। कल राष्ट्रपति जी ने बताया कि कैसे सेवा लोगों तक पहुंच रही है। मैंने इसी लाल किले से स्वच्छता की बात कही थी तो कुछ लोगों ने मजाक बनाया था। पिछले दिनों डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट आई है, इसमें कहा गया है कि स्वच्छता की वजह से भारत में तीन लाख लोगों की जिंदगी बची है। गांधी जी ने सत्याग्रही तैयार किए थे उन्हीं की प्रेरणा से स्वेच्छाग्रही तैयार हुए।

देश के 10 करोड़ परिवारों को यानी करीब 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा की योजना देने वाले हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आज 15 अगस्त से परीक्षण शुरू हो रहा है। 25 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। कोई गरीब गरीबी में जीना-मरना नहीं चाहता। कोई गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी देकर जाना नहीं चाहता। वह झटपटा रहा होता है। गरीबों को सशक्त बनाने का यही अपाय है। हमारा प्रयास रहा है कि गरीब सशक्त हो।

पिछले 2 साल में भारत में पांच करोड़ गरीब करीबी रेखा से बाहर आए। हमने गरीबों के लिए कई योजनाएं बनाई है। लेकिन बिचौलिए गरीबों का लाभ उस तक पहुंचने नहीं देते। हमारी व्यवस्था में जो त्रुटिया हैं उन्हें दूर करके लोगों में विश्वास पैदा करना जरूरी है। जब से हम इस सफाई अभियान में लगे हैं, छह करोड़ लाभार्थी ऐसे थे जो कभी पैदा ही नहीं हुए। लेकिन उनके नाम से पैसे जा रहे थे। जो इंसान पैदा नहीं हुआ, फर्जी नाम लिखकर पैसे मार लिए जाते थे।

करीब 90 हजार करोड़ रुपया जो गलत लोगों के हाथों में गलत तरीके से जा रहे थे आज वह बचे हैं। ऐसा होता क्यों है। यह देश गरीब की गरिमा के लिए काम करने वाला है। ये बिचौलिये क्या करते हैं। बाजार में गेहूं की कीमत 24-25 रुपये है। जबकि सरकार इस दर पर खरीदकर केवल 2 रुपये में गरीब को देती है। चावल 30-35 रुपये में लेकर 2 रुपये में गरीब तक पहुंचाती है।

जो इमानदार टैक्सदाता है। उन पैसों से ये योजनाएं चलती हैं। इसका पुण्य ईमानदार टैक्सदाताओं को जाता है। जब आप खाना खा रहे हैं तो तीन गरीब परिवार भी खाना खा रहा है और इसका पुण्य टैक्सदाता को मिलता है। देश में टैक्स ना भरने का माहौल बनाया जा रहा है। लेकिन जब टैक्सदाता को पता चलता है कि उसके पैसे से तीन गरीब परिवारों का पेट भर रहा है तो इससे ज्यादा संतोष की बात क्या होगी। प्रत्यक्ष टैक्सदाताओं की संख्या 2013 तक 4 करोड़ थी और आज पौने 7 करोड़ है, यह ईमानदारी का उदाहरण है। अप्रत्यक्ष कर 70 सालों में 70 लाख था, जीएसटी के बाद एक साल में यह आंकड़ा 1 करोड़ 16 लाख पहुंच गया। जो भी आगे आ रहे हैं उन्हें मैं नमन करता हूं।

देश को दीमक की तरह भ्रष्टाचार ने बर्बाद किया। दिल्ली के गलियारों में आप पावर ब्रोकर नजर नहीं आते। कुछ लोग देश बेडरूम में बैठकर कहते थे सरकार की नीतियां बदल दूंगा, उनकी दुकानें बंद हो गईं। करीब 3 लाख फर्जी कंपनियां बंद कर दी गईं।

एक समय पर्यावरण की मंजूरी भ्रष्टाचार का पहाड़ था, हमने सारी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी है। आज सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज हैं, यह गर्व का विषय है। आजादी के बाद यह पहली कैबिनेट है जब महिलाओं को इतना सम्मान मिला है। भारतीय सेना में सॉर्ट सर्विस कमीशन से नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों की तरह स्थायी कमीशन की घोषणा करता हूं। भारत की महिलाएं देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। खेत से लेकर खेल के मौदान तक योगदान दे रही हैं। स्कूल से लेकर सेना तक कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। ऐसे समय में कुछ राक्षसी शक्तियां भी हैं। बलात्कार की घटनाएं पीड़ा पहुंचाती हैं। पीड़िता से ज्यादा हमें पीड़ा होनी चाहिए। इस बुराई से देश को मुक्त करना होगा। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में 5 दिन में बलात्कारियों के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई। राजस्थान में भी ऐसा हुआ। इसकी चर्चा जितनी होगी इन राक्षसों को भय होगा। इन खबरों की चर्चा अधिक होनी चाहिए। इस सोच पर प्रहार करने की जरूरत है। हमारे लिए कानून का न्याय सर्वोच्च है।

मुस्लिम महिलाओं को मैं लाल किले से कहना चाहता हूं कि 3 तलाक ने उन्हें पीड़ा दी है। हमने इस संसद सत्र में तीन तलाक के खिलाफ बिल पेश किया था, लेकिन कुछ लोग अभी भी इसे पारित नहीं होने देना चाहते। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको न्याय दिलाकर रहूंगा।

आए दिन नॉर्थ ईस्ट से बम-बंदूक की खबरें आती थीं। आज हमारे सुरक्षाबलों, केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से कुछ वर्षों बाद त्रिपुरा और मेघायल अफस्पा मुक्त हो गया है। आज नक्सलवाद 126 जिलों से कम होकर 90 जिलों तक सिमट गया है।

जम्मू-कश्मीर के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें रास्ता दिखाया था। हम उन्हीं की तरह इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख का विकास करना है। हम कश्मीरियों को गले लगाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। कश्मीर के पंच आकर हमसे अपील करते थे कि पंचायत चुनाव हो। जल्द ही वहां पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव होंगे।

हमें देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। हमारा मंत्र है- सबका साथ सबका विकास। मैं एक बार फिर इस तिरंगे झंडे के नीचे खड़े रहकर मैं संकल्प दोहरना चाहता हूं। सभी देशवासी के पास अपना घर हो। सभी घर में बिजली हो। सभी घर को धुएं से मुक्ति मिले। हर भारतीय को स्वच्छ पानी और शौचालय मिले। हर भारतीय को अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिले। हर भारतीय को बीमा सुरक्षा मिले। हर भारतीय को इंटरनेट की सुविधा मिले।

लोग मेरे लिए भी भांति-भांति की बातें करते हैं। लेकिन जो कुछ भी कहा जाता हो मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता हूं मैं बेसब्र हूं। मैं बेसब्र हूं देश को आगे ले जाने के लिए। मैं बेचैन हूं देश को कुपोषण को मुक्त करने के लिए। मैं व्याकुल हूं कि देश के सभी व्यक्ति को बीमा कवर मिले। मैं बेसब्र हूं कि देश के लोगों का जीवनस्तर में सुधार हो। मैं आतुर हूं कि क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमता और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए।

हम जा आज हैं कल उससे भी आगे बढ़ना चाहते हैं। रुकना और झुकना हमारे स्वभाव में नहीं। यह देश ना रुकेगा ना झुकेगा और ना थकेगा। हम सिर्फ भविष्य देखकर अटकना नहीं चाहते हैं।

अपने मन में एक लक्ष्य लिए मंजलि अपनी प्रत्यक्ष लिए…हम तोड़ रहे हैं जंजीरे…हम बदल रहे हैं तस्वीरें

यह नवयुग है यह नवभारत है…खुद लिखेंगे अपनी तकदीर…बदल रहे हैं तस्वीर

हम निकल पड़े हैं अपना तन-मन अर्पण करके, जिद है एक सूर्य उगना है…अंबर से आगे जाना है…एक भारत नया बनाना है।

 

Source : Navbharat Times https://navbharattimes.indiatimes.com/india/prime-minister-narendra-modi-speech-from-red-fort-on-independence-day/articleshow/65408828.cms

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